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आगे निकलने वाले देश कुछ नया नहीं बल्कि हर काम को तय वक़्त पर अलग ढंग से करते हैं, जिससे उसकी महत्वकांक्षा और आगे बढ़ने की सोच को उसके प्रत्येक नागरिक अपनी जिंदगी में उतार लेते हैं। सर्वेश तिवारी की किताब मॉरिशस इंडियन कल्चर एंड मीडिया इसी बात को उजागर करती है। खास बात ये है कि लेनिन मीडिया द्वारा प्रकाशित की उपयोगीता और रोचक जानकारियों के बारे में दुनिया के अब तक 185 पत्र -पत्रिकाओं और वेब पोर्टल ने लिखा है । जिसमें भारत के अलावा कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, अफ़्रीका और आस्ट्रेलिया शामिल हैं । भारत में इस किताब के प्रकाशित होने के दो माह के अंदर विदेशी मिडिया में भी इसकी चर्चा एक रिकॉर्ड है| मॉरिशस इंडियन कल्चर एंड मीडिया जब कोई पढ़ता है तो ऐसा लगता है उस जगह के द्रिश्य सामने आ खड़े हैं। मॉरिशस के बसने से लेकर भारतीय संस्कृति के विविध रूप को दर्शाती ये किताब क्षोध ग्रन्थ है | जिसे तीन वर्षो में वहां की संस्कृति, राजनीती और मीडिया को महसूस कर लिखा गया | मॉरिशस पर लिखी इस पुस्तक में इस बात का भी जिक्र है की देश में 1947 में आजादी मिलने से पहले महात्मा गाँधी 18 दिनों के लिए मॉरिशस गए थे और अपनी इस यात्रा में उन्होंने द्वीपीय देश में प्रवासी भारतीय श्रमिकों के अधिकारों के लिए पहला आंदोलन शुरू किया था | भारतीय कामगारों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए महज 38 साल की उम्र में उन्होंने मीडिया को अपना अहम जरिया बनाया था | इसके लिए उन्होंने एक अनूठा प्रयोग करते हुए मॉरिशस में हिंदी समाचार पत्र हिंदुस्तानी शुरू कराया, जो की शायद भारत के बहार हिंदी में प्रकाशित होने वाला पहला अखबार था | दरअसल यह किताब से भी कहीं ज्यादा सबके लिए गाइड की तरह है जो यात्रा के दौरान रास्तो से इंट्रोडक्शन भी करता है | किसी भी जगह के लिए एक सही मैप का साथ होना सफर को और भी मजेदार बना देता है | किताब में एक देश के तेजी से बढ़ने की कहानी है | जो विकासशील देशो में रहने वालो को सीख भी देती है कि इरादे पक्के हों तो किसी भी बाधा को पार कर विश्वा बैंक के "ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस" रैंकिंग में बड़े देशो को पीछे छोड़ा जा सकता है | भारत में मॉरिशस के हाई-कमिशनर ने किताब की तारीफ करते हुए कहा है यह किताब अफ्रीका के एक खूबसरत देश के प्रति लोगो का नजरिया बदल देगी | इस किताब में कुछ चित्र भी हैं ताकि किताब पड़ने में बोझिल न हो | सर्वेश तिवारी मॉरिशस में प्रवासी भारतीयों के संगठन आइएमएफएफ के संस्थापक सदस्य हैं और मॉरिशस और मॉरिशस टीवी से जुड़ने से पहले शीर्ष भारतीय समाचार चैनलों के साथ काम कर चुके हैं। जिसमे ज़ी न्यूज़ नेटवर्क, टीवी टुडे, एनडीटीवी, एचटी मीडिया और न्यूज़ नेशन नेटवर्क प्रमुख है |