त्वचा के लिए कोलेजन क्या कार्य करता हैं
कोलेजन शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाए जाने वाला प्रोटीन है। यह हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा और टेंडन (३ील्लङ्मिल्ल:: हड्डियों और मांसपेशियों को जोड़ने वाला तत्व)। कोलेजन शरीर की बनावट और ताकत के लिए महत्वपूर्ण होता है। "एंडोजेनस कोलेजन" प्राकृतिक कोलेजन होता है, जो शरीर में अपने आप बनता है। एंडोजेनस कोलेजन के कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित होता है। "एक्सोजेनस कोलेजन" बाहरी कारकों से बना कोलेजन होता है। इसको बाहरी स्त्रोतों और पूरक दवाओं से लिया जाता है। इसको चिकित्सीय और कॉस्मेटिक (सौंदर्य प्रसाधन) उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऊतकों को स्वस्थ रखने के लिए भी एक्सोजेनस कोलेजन का उपयोग किया जाता है।
कोलेजन क्या है -
कोलेजन एक ठोस, अघुलनशील (बिना घुलने वाला) और रेशेदार प्रोटीन है। शरीर में जितना प्रोटीन होता है, यह उसका एक त्हाई हिस्सा होता है। अधिकांश कोलेजन के अणु एक दूसरे के साथ मिलकर लंबे और पतले रेशे बनाते हैं, जिन्हे "फाइब्रिल" कहा जाता है। यह फाइब्रिल एक साथ बंधे होते हैं जिससे यह एक दूसरे को मजबूती प्रदान करते हैं। और इन्ही से त्वचा को ताकत और लोच मिलती है। वैसे तो करीब 16 विभिन्न प्रकार के कोलेजन होते हैं, लेकिन शरीर में 80 से 90 प्रतिशत कोलेजन की मात्रा सिर्फ तीन प्रकार के कोलेजन की ही होती है। इन तीन प्रकार के कोलेजन के नाम हैं कोलेजन टाइप 1, कोलेजन टाइप 2, और कोलेजन टाइप 3। इन विभिन्न प्रकार के कोलेजन की अलग-अलग बनावट और कार्य हैं। शरीर के अंदर मौजूद कोलेजन मजबूत और लचीले होते हैं। टाइप 1 प्रकार के कोलेजन के रेशे विशेष रूप से लचीले और मजबूत होते हैं। अगर स्टील और टाइप 1 कोलेजन के रेशों की समान मात्रा लेकर तुलना करें, तो ये रेशे स्टील से अधिक मजबूत होते हैं।
कोलेजन के कार्य क्या हैं?
कोलेजन कई कोशिकाओं से निकलता है, लेकिन मुख्य रूप से, संयोजी ऊतक (कनेक्टिव टिश्यु) की कोशिकाओं से स्रावित होता है। त्वचा के अंदर की मध्यम परत (जिसे "डर्मिस" कहते हैं) में कोलेजन रेशों की मदद से कोशिकाओं का एक रेशेदार जाल सा बनाता है, जिसको "फाइब्रोब्लास्ट" नाम से जाना जाता है। यह त्वचा की मृत कोशिकाएं को हटाने व नई कोशिकाओं को बनाने का कार्य करता है। इसके अलावा, कुछ कोलेजन किडनी जैसे अन्य नाजुक अंगों को बचाने के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं। आयु के साथ शरीर में कोलेजन की कमी होने लगती है, जिससे त्वचा सम्बन्धी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। उद्धरण के तौर पर, चहरे पर झुर्रियां आने लग जाती हैं। महिलाओं में खास तौर से, रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद तेजी से कोलेजन की कमी होने लगती है। और 60 की उम्र के बाद तो कोलेजन के बनने में गिरावट आना एक बहुत ही सामान्य बात है।
कोलेजन के लाभ बालों के लिए -
कोलेजन बालों को बढ़ने और दोबारा आने में काफी मदद करता है। इसमें एंटीआॅक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर में "फ्री रेडिकल्स" (शरीर में मौजूद हानिकारक तत्व) के उत्पादन को कम करते हैं। शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स विभिन्न चयापचय (मेटाबॉलिज्म) प्रक्रियाओं की वजह से बनते हैं और यह बालों के रोम को नुकसान पहुंचाते हैं। यही बालों के झड़ने का कारण भी बनते हैं। लेकिन बालों में पर्याप्त मात्रा में कोलेजन होने से, बाल के रोम मजबूत होते हैं और इससे बाल बढ़ने में मदद मिलती है। कोलेजन लेने से आपके बाल घने होने के साथ ही मजबूत और स्वस्थ बनते हैं।
कोलेजन के फायदे स्किन के लिए -
कोलेजन का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि वह त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिए पयोगी होता है। यह आवश्यक प्रोटीन आपकी त्वचा को लोच प्रदान करता है, जिससे आप जवान और स्वस्थ दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे ही आपकी उम्र बढ़ती है कोलेजन का स्तर कम होना शुरू हो जाता है, जिसके चलते आपकी त्वचा में रूखापन, ढीलापन और झुर्रियां आने लगती हैं।
वर्ष 2014 में एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में 35 से 55 आयु की 69 महिलाओं को शामिल किया गया। इनमें से 46 महिलाओं को कोलेजन पूरक (सप्लीमेंट) दिया गया, जबकि बाकि महिलाओं को "प्लेसीबो" (रासायनिक रूप से निष्क्रिय गोलियां) दिया गया। चार सप्ताह के बाद कोलेजन लेने वाली महिलाओं की त्वचा की लोच में सुधार देखा गया। इसी तरह के अन्य अध्ययन में भी कोलेजन की मदद से आठ सप्ताह के अंदर महिलाओं की झुर्रियों को कम होते पाया गया।
कोलेजन के गुण जोड़ों का दर्द के लिए -
उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियों के जोड़ों पर मौजूद काटीर्लेज (हड्डियों को जोड़ने वाले मजबूत और लचीले ऊतक) कम होने लगता है, जिससे आपको जोड़ों में दर्द और अकड़न महसूस होने लगती है। कोलेजन से जोड़ों में दर्द और गठिया के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है।
एक अध्ययन में शामिल कुछ लोगों को 90 दिनों तक मुर्गी की 22 ज् गर्दन से बने टाइप 2 कोलेजन के पूरक (सप्लीमेंट) को दिया गया। कुछ दिनों के बाद इन लोगों में आॅस्टियोआर्थराइटिस रोग के लक्षण में 40 प्रतिशत की कमी देखी गई जबकि अन्य लक्षणों की गंभीरता भी करीब 33 प्रतिशत तक कम हो गई। कोलेजन के इसी सप्लीमेंट के साथ 1993 में हुए एक अन्य अध्ययन में रूमेटाइड आर्थराइटिस वाले लोगों की सूजन और जोड़ों के दर्द में कमी पाई गई थी।
कोलेजन के बेनिफिट पाचन तंत्र के लिए -
कोलेजन कनेक्टिव टिशु (संयोजी ऊतक) और पाचन तंत्र को सुरक्षा प्रदान करने वाले अस्तर को मजबूत करता है। यह बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि आंतों की प्रक्रिया में बाधा के कारण आपके खून में कई तरह के तत्व पहुंच सकते हैं और इसकी वजह से सूजन भी हो सकती है। वर्ष 2003 में हुए एक अध्ययन में इंμलेमेटरी बाउल डिजीज (पाचन तंत्र में दीर्घकालिक सूजन) वाले करीब 170 लोगों को लिया गया और देखा कि अधिकतर लोगों में कोलेजन का स्तर काफी कम है। इससे पता चला कि कोलेजन की मात्रा को बढ़ाने से जठरांत्र मार्ग के ऊतकों की परत को बनने में मदद मिलती है और आपकी आंते स्वस्थ होती हैं। हालांकि, कोलेजन सप्लीमेंट के पाचन तंत्र पर पड़ने वाले प्रभावों पर बेहद कम रिसर्च हुई हैं।
कोलेजन का उपयोग मांसपेशियां के लिए :-
कोलेजन मांसपेशी ऊतकों का एक प्रमुख अंग होता है, इस कारण मांसपेशियों के द्रव्यमान कोलेजन मांसपेशी ऊतकों का एक प्रमुख अंग होता है, इस कारण मांसपेशियों के द्रव्यमान के निर्माण में यह प्रभावशाली होता है। इसेक साथ ही कोलेजन कसरत के समय आपको ऊर्जा प्रदान करता है। कोलेजन और एक्ससाइज पर बहुत अधिक रिसर्च नहीं की गई है, लेकिन 2015 में हुए एक अध्ययन में "सेकोर्पीनिया" (उम्र बढ़ने के कारण मांसपेशियों के द्रव्यमान में कमी) वाले पुरुषों को कोलेजन सप्लीमेंट दिया गया। 12 हμतों में इन लोगों में अन्य लोगों की अपेक्षा में वसा कम होना और मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि देखी गई।
कोलेजन के भोजन –
आप अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करके कोलेजन के स्तर को बढ़ा सकते हैं। नीचे जानते हैं कोलेजन को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ।
1. खटे फल - विटामिन सी से आपके शरीर को कई तरह से लाभ मिलते हैं, साथ ही यह कोलेजन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। फ्री रेडिकल्स को कम करने में मदद करता है। विटामिन सी एक ऐसा एंटीआॅक्सीडेंट है जो कोलेजन के संश्लेषण को बढ़ाता है। आपको अपने आहार में विटामिन सी युक्त फलों को भी शामिल करना चाहिए और रोजाना नींबू, संतरा और खट्टे फलों को खाना चाहिए।
2. मछली - मछली में अधिक मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होता है, जो आपकी कोशिकाओं के संचार के लिए जरूरी होता है। स्वस्थ कोशिकाएं आपकी त्वचा की बनावट के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती हैं।
3. हरी सब्जियां - ब्रोकली और पालक जैसी सब्जियां प्रभावशाली ढंग से कोलेजन के स्तर को बढ़ाती हैं। यह धुएं, धूल, सिगरेट के धुएं और अत्यधिक सूर्य के संपर्क के कारण कोलेजन क्षति को रोकने में भी मदद करती हैं।
4. लाल रंग की सब्जियां - रिसर्च से पता चला है कि कुछ लाल रंग की सब्जियों में लाइकोपीन नामक एंटीआॅक्सीडेंट होता है, जो कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है। चुकंदर, मिर्च और टमाटर से आप इस एंटीआॅक्सीडेंट को प्राप्त कर सकते हैं। लाइकोपीन न सिर्फ कोलेजन को बढ़ाने का काम करता है, बल्कि सूर्य की किरणों से भी त्वचा को सुरक्षा प्रदान करता है।
6. नारंगी रंग की सब्जियां - शकरकंद और गाजर जैसे नारंगी सब्जियों से आप कोलेजन की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। इस तरह की सब्जियां में विटामिन ए मौजूद होता है, जो कोशिकाओं के निर्माण और त्वचा को स्वस्थ रखने में प्रमुख भूमिका निभात है। नारंगी फल जैसे आम और खुबानी बीटा कैरोटीन के भी मुख्य स्रोत होते हैं, जो शरीर में पहुंचकर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है।
7. बेरीज – बेरीज (छोटे आकार के रस भरे फल) त्वचा को स्वस्थ बनाने वाले फल हैं। काले शहतूत, चेरी, जामुन आदी शरीर में कोलेजन के निर्माण में सहायक होते हैं। यह त्वचा के लिए आवश्यक एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
8. लहसुन और जैतून - सदियों से सल्फर का उपयोग त्वचा रोग और बालों में रूसी के लिए किया जाता रहा है। लहसुन के अलावा हरे व काले जैतून में भी सल्फर अधिक मात्रा में मौजूद होता है, जो जोड़ो और त्वचा में कोलेजन को बढ़ाने में अहम माना जाता है।
9. अंडे - शरीर के लिए स्वस्थ प्रोटीन की आवश्यक होती हैं और अंडा इसका मुख्य स्त्रोत माना जाता है। अंडा कोलेजन उत्पादन में आवश्यक लाइसाइन और प्रोलिन नामक अमीनो एसिड की पूर्ति करता है।
10 अनानस - अनानास और उसका जूस शरीर में कोलेजन को संश्लेषित करने में मदद करता है। इसको खाने से त्वचा में चमकदार बनती है।