स्लिमट्रिम नवयुवतियों को भी हो सकता हैं सैल्युलाइट :
शरीर थुलथुल हो जाए तो ऐक्सरसाइज व मालिश से सैल्युलाइट को कंट्रोल किया जा सकता है... किशोरियां हों या फिर विवाहित युवतियां, सभी करीना की तरह जीरो फिगर बनाना चाहती हैं और इस के लिए वे न जाने क्याक्या करती हैं, मगर फिर भी चोरीछिपे सैल्युलाइट उन्हें अपना शिकार बना ही लेता हैं, चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार सैल्युलाइट की विकृति हारमोंस के असंतुलन के कारण होतीहै, 20 वर्ष से अधिक आयु की 90 प्रतिशत नवयुवतियां अकसर सैल्युलाइट से पीड़ित होती हैं।
आधुनिक जीवनशैली में भौतिक सुविधाओं के चलते सैल्युलाइट की विकृति अधिक देखी जाती है, ऐसी परिस्थिति में सैल्युलाइट पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाता है, शरीर में जब किसी कारण से हारमोन असंतुलन होता है तो शरीर के विभिन्न अंगों में जल इकट्ठा होने लगता है, जल के साथ विषैले तत्त्व और एडिपोस कोशिकाओं में चरबी इकट्ठीहोने लगती है। पेट के निचले भाग में, जांघों पर, बांहों के ऊपरी भागों में और नितंबो पर चरबी एकत्रित होती है, इस चरबी का सैल्युलाइट कहा जाता है।
एक न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, आनुवंशिक असंतुलन, भोजन करने की गलत आदतों और शारीरिक परिश्रम की
कमी के कारण शरीर के विभिन्न भागों में सैल्युलाइट की विकृति होती है। भोजन में तरल खाद्यपदार्थों की कमी होने पर भी सैल्युलाइट की विकृति होने लगती है। सैल्युलाइट की विकृति को व्यायाम द्वारा दूर किया जा सकता हैं। ऐराबिक्स द्वारा भी सैल्युलाइट को काफी हद तक कम किया जा सकता है। ऐरोबिक्स से फैट सैल्स कम होते
जाते हैं, उसी गति से सैल्युलाइट नष्ट होता जाता है। संतुलित भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और
खनिज तत्त्व संतुलित मात्रा में होते हैं तो सैल्युलाइट बढ़ने के कम अवसर होते हैं। भोजन में फल, सब्जियां और दालों को सम्मिलित करने के साथसाथ थोड़ा व्यायाम कर के सैल्युलाइट से छुटकारा पाया जा सकता है। बहुत सी युवतियां ऐक्सरसाइज को मुसीबत समझ कर अलग रहती हैं, सुबह-शाम किसी पार्क में जा कर तेज गति से घूम कर भी एैकसरसाइज पूरी की जा सकती है। बैंडमिंटन खेल कर या ऐरोबिक्स से भी सैल्युलाइट को नष्ट किया जा सकता है। पोस्चर मैनेजमैंट और मालिश से भी सैल्युलाइट से छुटकारा मिलता है। सप्ताह में 1 बार किसी ब्यूटी पार्लर या फिर घर पर भी मालिश की जा सकती है, मालिश से रक्तसंचार होता है।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मछली का सेवन भी सैल्युलाइट को कम कर के आप को स्लिम रख सकता है। मछली में मौजूद एमीनो ऐसिड मेटाबोलिज्म को संतुलन में रखता है और फैट मोलिक्यूल्स को नष्ट करता है। मानसिक तनाव को दूर कर के भी सैल्युलाइट से बचा जा सकता है। कौफी, सौफ्ट ड्रिंक्स व शराब से परहेज कर के भी
इस से छुटकारा पा सकते हैं। स्लिम नवयुवतियां सोचती हैं कि वे सैल्युलाइट से पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन यह दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। इस से शरीर में जहरीले तत्व बाहर निकलते हैं। सब्जियों में पाएं जाने वाले मिनरल्स ओर विटामिन के बारे में तो सभी जानते ही हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हम नियमित रूप से इन का सेवन करते हैं तो उच्च रक्तचाप, मोटापा, शुगर, कैंसर जैसी बीमारियों से राहत पा सकते हैं।
बीन, फली, दालों को करें भोजन में शामिल, ये प्रोटीन के मुख्य स्रोत हैं। सच नहीं है, पतली-दुबली, स्लिम
नवयुवतियों की जांघों ओर नितंबों पर सैल्युलाइट हो सकता है, डाइटिंग से सैल्युलाइट की समस्या से मुक्ति
नहीं पाई जा सकती है।
ऐक्सरसाइज व मालिश सैल्युलाइट को नष्ट कर सकती है।