मधुमेह से बचाव या उपचार के घरेलु नुस्खे
मधुमेह दरअसल चयापचय से जुड़ी एक समस्या है जिसमें शरीर ग्लूकोज़ का प्रयोग पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से बंद कर देता है।
टाइप-1
मधुमेह में शरीर रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर का स्तर बरकरार रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में इन्सुलीन नहीं बना पाता जबकि टाइप -2 मधुमेह में कोशिकाएं इन्सुलिन के साथ ठीक प्रकार से तालमेल नहीं बिठा पातीं। सामान्य स्थिति में फास्टिंग ब्लड शुगर 80-120 मिलीग्राम/डीएल होता है जो भोजन के दो घंटे के बाद 169 मिग्रा/डीएल तक जा सकता है। टाइप-1 मधुमेह अकसर बाल्यावस्था या फिर किशोरावस्था में होता है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि यह इसके बाद या पहले नहीं हो सकता। ऐसे रोगियों को प्रतिदिन इन्सुलिन की आवश्यकता होती है।
टाइप-2
मधुमेह अकसर वयस्कों को होता है, खासकर उन लोगो को अधिल स्थूलकाय यानी मोटे और 40 की उम्र पार कर चुके होते हैं। ये व्यक्ति अपने शरीर का वज़न नियंत्रित कर या घटाकर,नियमित व्यायाम करके तथा संतुलित एवं
पौष्टिक आहार लेकर मधुमेह पर काबू कर सकते हैं।
प्रभावी घरेलु एवं हर्बल उपचार
- आम के 15 पत्तों को एक गिलास पानी में उबालें और फिर उन्हें वैसे ही रात भर रखें रहने दें। अगले दिन सुबह उठते ही बिना कुछ खाए पीए खाली पेट इस पानी को निथार कर यानी छान कर पी लें। मधुमेह से निपटने का यह एक कारगर नुस्खा है।
- आधा चम्मच तेजपत्ते का पाउडर और आधा चम्मच हल्दी पाउडर को एक चम्मच एलोवेरो जेल में मिला लें। इसे दिन में दो बार दोपहर और रात के खाने से पहले लें।
- प्रतिदिन सुबह एक छोटे करेले का जूस निकाल कर पीएं। जूस निकालने से पहले करेले के बीज निकाल दें। मधुमेह से निपटने का यह एक कारगर उपचार माना जाता है।
4. एक लिटर उबलते पानी में 3 चम्मच दालचीनी का पाउडर डालें और फिर उसे हल्की आंच पर करीब 20 मिनट तक उबलने दें। इस पानी को छान कर रख लें और रोज़ सुबह पीएं।
5. करी पत्ता के ताज़े पांच-सात पत्ते सुबह और शाम को चबा कर खाऐं।
6. हल्दी पाउडर और आंवला पाउडर को बराबर बराबर मात्रा में लें और उन्हें शहद के साथ मिला कर लें या फिर दोनों को पानी में मिला कर प्रतिदिन खाली पेट लें।
7. प्रतिदिन लहसुन का सेवन करें इससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
डायबटीज के प्रमुख लक्षण
1. प्यास अधिक लगने लगना
2. बार बार पेशाब जाना
3. भूख बढ जाना
4. शरीर का वज़न कम होना (टाइप-1)
5. शरीर का वज़न बढ जाना (टाइप-2)
6. त्वचा में खुजली या संक्रमण
7. शरीरमें घाव आदि के भरने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाना
8. कमज़ोरी महसूस होना
9. नपुंसकता की समस्या पैदा हो जाना
मधुमेह के प्रमुख कारण
1. वंशानुगत यानी पीढी दर पीढी चलने वाला रोग
2. चॉकलेट और चावल आदि जैसे अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थों का सेवन
3. इन्सुलिन की कमी
4. इन्सुलिन रोधी क्षमता विकसित हो जाना
5. उच्च रक्तचाप
6. कोलेस्ट्रॉल बढना
मधुमेह वाली दिक्कते
1. धमनियां सख्त पड़ना (एथ्रोस्लेरोसिस)
2. हृदय संबंधी दिक्कतें
3. आंखों से संबंधित तकलीफें
4. दृष्टिहीनता
5. गुर्दे से जुड़ी समस्याएं
6. स्नायु संबंधी दिक्क्तें।
7. तनावपूर्ण या अत्यधिक व्यस्त जीवन शैली
8. व्यायाम या शारीरिक गतिविधियां न होना
9. अत्यधिक खाने पीने की आदत।
रोगियों की आवश्यक सलाह
1. प्रतिदिन व्यायाम और योग करें।
2. वज़न कम करने का प्रयास करें।
3. अधिक फाइबर युक्त खाद्यपदार्थ खाएं।
4. प्रतिदिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीएं।
5.अल्कोहल, साफ्ट ड्रिंक्स और खीर या आइसक्रीम जैसे मीठे खाद्यपदाथों न खाएं।
6. नंगे पैर न चलें।
7.पेशाब की नियमित जांच अवश्य कराएं मधुमेह की रोज़ जांच से ब्लड ग्लूकोज़ यानी रक्त शर्करा, ब्लड प्रेशर यानी रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल को नियत्रित करने तथा उससेजुड़ी अन्य समस्याओं का समय पर पता लगाने में मददगार साबित होती है। मधुमेह पर काबू रखने के लिए हमें इन सब बातों का खास ध्यान रखना होगा।